बिहार में पहली बार दो शराब तस्करों को हुई उम्रकैद की सजा
बिहार में पहली बार दो शराब तस्करों को हुई उम्रकैद की सजा
सीएम नीतीश कुमार के शराबबन्दी कानून को लगे सुर्खाब के पर
पटना (बिहार) : 1 अप्रैल 2016 को बिहार में शराबबन्दी कानून लागू हुआ। लेकिन यह कानून ना केवल बेअसर साबित हुआ बल्कि बिहार में शराब का अवैद्य कारोबार, सबसे बड़ा कमाई का जरिया भी बन गया। बाईक पर सवारी करने वाले लोग, शराब का अवैद्य धंधा कर के करोड़पति और अरबपति बन गए। शराब तस्कर, बाईक की जगह फॉर्च्यूनर पर चढ़ने लगे। शराबबन्दी के साईड इफेक्ट्स पर गौर करें, तो शराबबन्दी की वजह से, कई तरह के अन्य नशे का कारोबार जम कर फलने और फूलने लगे। कोरेक्स सिरप, गाँजा, चरस, अफीम, ब्राउन सुगर, स्मैक, सुलेशन, देसी महुआ से लेकर नशे की गोलियाँ, गाँव से लेकर शहर की हर गली और चौराहे पर बिकने लगी। नतीजा यह हुआ कि इसी साल 16 नबम्बर को नीतीश कुमार ने मंत्रियों और राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। नीतीश ने वीडियो कॉन्फ़्रेन्स के ज़रिए सभी जिलों के डीएम, एसपी समेत सचिव और जिले के प्रभारी मंत्रियों के साथ बैठक की थी। ये बैठक 7 घंटे तक चली और इस बैठक के बाद, कुछ नए फैसले भी लिए गए। नीतीश कुमार की तमाम कोशिशों का पहला नतीजा बुधवार 22 दिसम्बर को आया। सूबे में पहली बार अवैद्य शराब कारोबारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। गौरतलब है कि बिहार के गोपालगंज में दो शराब तस्करों को शराब तस्करी के दोषी पाए जाने पर, आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही, दोनों कारोबारियों पर पाँच-पाँच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बुधवार को गोपालगंज के सिविल कोर्ट के एडीजे-2 सह उत्पाद स्पेशल कोर्ट ने पूर्वी चंपारण के दो शराब तस्करों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने स्पीडी ट्रायल के तहत, करीब पाँच महीने की सुनवाई के बाद, यह सजा सुनाई है। बताना लाजिमी है कि पूर्वी चंपारण जिले के चकिया के रहने वाले शराब तस्कर राकेश कुमार और मेहसी थाना क्षेत्र के रहने विकास कुमार, इस साल सात जून को अपनी इंडिका कार से शराब की खेप लेकर उत्तर प्रदेश से बिहार आ रहे थे। इस दौरान, गोपालपुर थाना क्षेत्र के गंडक नहर के पास से उत्पाद विभाग की टीम ने शराब की बड़ी खेप के साथ इन दोनों तस्कर को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद, इस मामले में उत्पाद विभाग की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के साथ ही, कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूतों और दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। निश्चित तौर पर इस कानूनी कार्रवाई की गूंज पूरे बिहार तक पहुँचेगी और शराब कारोबारियों के बीच दहशत का माहौल भी व्याप्त होना चाहिए। वैसे, इस फैसले के बाद, शराब कारोबारियों के बीच कैसा और कितना असर होता है, इसका पता आने वाले समय में ही दिख पायेगा। लेकिन हमारी समझ से निचली अदालत के इस फैसले को लेकर, सजायाफ्ता किये गए अवैद्य शराब कारोबारी, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक जाएंगे। अब बड़ी अदालत क्या फैसला सुनाती है, यह सबसे महत्वपूर्ण बात होगी।
मुकेश कुमार सिंह